What Is Cardiyak Electrofigeology In Hindi-indianeducationtips

What Is Cardiyak Electrofigeology In Hindi-indianeducationtips
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What Is Cardiyak Electrofigeology In Hindi;-

क्या आपको पता है की आपका दिल आपकी जान है और आगर आपकी जान को ठोड़ी सी भी कुछ हलचल होने लग जाये तो आपका मन घबरा जाता है.और 5 मिनट के लिए तो आपको कुछ सूझता भी नही है एसी स्थति में जब आपके दिल में अजीब सा होने लग जाए तो समझ जाना की  आपकी जान के उपर बहुत बडा खतरा होने वाला है और और आपके मन में बहुत इसे सवाल आते होंगे की अगर जेसे आपने अपने दिल की धडकनों को तेज होते देखा होगा तथा कभी-कभी तो आपने अपने दिल में घबराहट महसूस की होगी तथा एसा महसूस किया होगा की आपका दिल धीरे-धीरे धडक रहा है.
तो चलिए जानते है इस महत्वपुर्ण तथ्य के बारे में। 


ह्रदय के बारे में कुछ जानकारी ;-

क्या आपको पता है आपका दिल आपके शरीर का बेहद खास अंग है जो आपके जीवन काल के दौरान कभी भी धड़कना बंद नहीं करता है। लगभग एक गणना के अनुसार ये 70 साल में 280 करोड़ बार धड़कता है दिल को होने वाली विधुत आपूर्ति में गड़बड़ी के कारण उसमे परिवर्तन हो सकता है धड़कने अनियमित हो सकती है इसका सीधा और सरल सा समाधान है कार्डियक इलेक्ट्रोफिजोलोजी के तहत किया जा सकता है.
वैसे ह्रदय 1 मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है लेकिन अगर कोई मरीज हो तो उसमे परिवर्तन हो सकता है.और  कुछ समय के लिए रुक भी सकती है, तथा चककर आना, मस्तिष्क में हल्कापन ,थकान,साँस फूलना या दिमाग न लगना जैसी समस्याएं हो सकती है इसी तरह ह्रदय की गति  कभी-कभी 200-300 बीट पर मिनट तक तेज हो शक्ति है.
इनमे से कुछ की पहचान तो ईसीजी के द्वारा की जा सकती है और कुछ ऐसी होती है जिनकी जाँच नहीं की जा सकती है। 

इलेक्ट्रोफिजोलोजी:-

ये एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक जाँच है जिससे तेज धड़कनो पर नियंत्रण पाया जा सकता है इसकी जाँच की विधि बहुत ही सरल है इसके लिए सूक्ष्म केथेटर्स को ह्रदय की मांसपेसियों में प्रवेश करवाया जाता है तथा धड़कने के लिए प्रेरित किया जाता है और फिर इसके अलावा जो भी विधुत स्रोत है उनको बंद दिया जाता  है.लगभग ये प्रक्रिया 2-3 घंटे तक चलाने  के बाद इस समस्या पर 90-95% तक सफलता या छुटकारा मिल सकता है.

हार्ट फेलियर :-

हार्ट फेलियर में ह्रदय इतना कमजोर हो जाता है की वह शरीर में रक्त का प्रसार भी सही तरीके से नही कर पाता है सामान्यतया ये देखा गया है की शरीर में ईएसआई समस्या तब आतीं है जब ह्रदयाघात या  बाईपास सर्जरी हुयी हो तब ह्रदय में ये कमजोरी आती है.एसे मरीज जिनको ह्रदय या दिल का दोरा पड़ चूका है को 2-d इको करवाना चाहिए ताकि उनके ह्रदय की कार्यक्षमता बड सके.और उनकें दिल की भी जाँच की जा सके.

हार्ट फेलियर का पता लगाने का सबसे आसान तरीका :-

एसे बहुत सारे मरीज में ह्रदय इतना कमजोर हो जाता है की वह शरीर को आवश्यकता के अनुसार रक्त या खून की supply नही कर पाता.
एसा होनें पर बहुत सारे लक्ष्ण सामने आ सकते है जेसे साँस का फूलना, लगातार खांसी का चलना तथा खांसी में कफ का आना, भूख कम लगना या खाना न भाना,हमेशा थका हुआ प्रतीत होता है,सोने में भी बहुत परेशानी का सामना करना.कुछ-कुछ मरीजो को तो शरीर के बहुत से हिस्सों पर सुजन रहती है.
2-डी ईको कार्डियोग्राफी से ह्रदय की पम्पित क्षमता का सही से पता लगाया जा सकता है इसे हमारा दिल सही से धड़क रहा है या नही इस बात का सही से पता लगाया जा सकता है.
सामान्यतया अगर रक्त बाहर निकालने की उसकी क्षमता 45 फीसदी से कम पाई जाती है तो आपको आगे की जाँच करवानी चाहिए.और अगर इसमें आंकड़ा 10-15 फीसदी भी निचे आ जाये तो आकस्मिक मृत्यु हो सकती है.ये खतरा सबसे ज्यादा तब बनता है जब बाईपास सर्जरी की हुयी होती है तब.
एसे मरीजो को डिवाइस थेरेपी दी जानी चाहिए.


तो दोस्तों केसी लगी आपको हमारी  बताई गयी जानकारी.मुझे उम्मीद है की आपको इस जानकारी से जरुर थोडा बहुत लाभ तो मिल ही जायेगा और आगर आप इस बताई गयी जानकारी को पूरा इस्तेमाल करते है तो आपको ह्रदय से सम्बन्धित बीमारियों की समस्या का समाधान करने में आसानी रहेगी.
तो अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी है तो आप हमे E-mail के माध्यम से भी follow कर सकते हो धन्यवाद.

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